सिनेमा | 6-मिनट में पढ़ें
दिलीप कुमार तो हमेशा रहेंगे, बस युसूफ साहब का जिस्म चला गया...
मैं जब दिलीप कुमार की बैक टू बैक फिल्में देखने के बाद उनकी हालिया सूरत देखता था तो मुझसे देखी नहीं जाती थी. मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था. मैं दिल की बात कहूं तो मुझे बहुत सुकून मिला ये जानकर कि अब मुहम्मद युसूफ खां साहब ने अपना मुश्किलों भरा जीवन त्याग दिया.
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सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें



